खानपान को लेकर हुए एक शोध के बाद कहा गया है कि तले हुए और नमकीन खाने की जगह यदि सलाद खाया जाए तो दुनिया भर में दिल का दौरा पड़ने की आशंका को एक तिहाई तक घटाया जा सकता है. शोधकर्ताओं ने 52 देशों में 16 हज़ार लोगों के खानपान का अध्ययन किया गया और खानपान की तीन वैश्विक तौर-तरीक़े उभर कर आई है. 'सर्कुलेशन जर्नल' के अनुसार पश्चिमी खानपान में नमक, वसा और मांस की मात्रा अधिक होती है, जो दुनिया के किसी भी भाग में दिल के दौरे की आशंका को तीन प्रतिशत तक बढ़ा देते हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि फल और सब्ज़ियाँ खाने से दिल के दौरे की आशंका एक तिहाई तक कम हो सकती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि टोफ़ू और सोया सॉस दिल के दौरे के ख़तरे पर कोई असर नहीं पड़ता. शोधकर्ताओं ने 19 तरह के खानपान को लेकर सवाल बनाए और फिर 5,561 दिल का दौरा झेल चुके लोगों से और 10, 646 दिल के रोगियों से इन सवालों के जवाब देने को कहा. शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग पश्चिमी ढंग का खाना खा रहे थे उनमें दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा दूसरों की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक होता है.
हालांकि यह सर्वविदित तथ्य है कि पश्चिमी भोजन करने वाले लोगों में दिल की बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है. ज़्यादा नमक से रक्तचाप बढ़ता है और ग़लत तरह के वसा से रक्तवाहिनियों में अवरोध पैदा होता है. अध्ययन के बाद पाया गया कि खानपान के तौरतरीक़े इस बाद से ज़्यादा अहमियत रखते हैं कि किसी ख़ास चीज़ में पौष्टिकता कितनी है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस शोध से पता चला है कि खानपान और दिल के दौरे का जो संबंध पश्चिमी देशों के लिए लागू है वह दुनिया के दूसरे हिस्सों के लिए भी उतना ही सच है.
कनाडा के मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता रोमानिया इक़बाल का कहना है, "लोगों में दिल का दौरा पड़ने का 30 प्रतिशत ख़तरा खानपान से जुड़ा होता है।" ब्रिटिश हार्ट फ़ाउंडेशन की एलन मैसन का कहना है, "इस शोध से पता चलता है कि इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप बॉल्टन में हैं या बॉम्बे में, आप चाहे ब्रितानी खाना खाते हों या फिर अफ़्रीकन कैरेबियन या फिर एशियाई." वे कहती हैं, "महत्वपूर्ण चीज़ यह है कि आपको नमकीन, तली हुई और वसायुक्त खाने को कम करके फल और सब्ज़ी की मात्रा को बढ़ाना होगा."
वैज्ञानिकों का कहना है कि फल और सब्ज़ियाँ खाने से दिल के दौरे की आशंका एक तिहाई तक कम हो सकती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि टोफ़ू और सोया सॉस दिल के दौरे के ख़तरे पर कोई असर नहीं पड़ता. शोधकर्ताओं ने 19 तरह के खानपान को लेकर सवाल बनाए और फिर 5,561 दिल का दौरा झेल चुके लोगों से और 10, 646 दिल के रोगियों से इन सवालों के जवाब देने को कहा. शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग पश्चिमी ढंग का खाना खा रहे थे उनमें दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा दूसरों की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक होता है.
हालांकि यह सर्वविदित तथ्य है कि पश्चिमी भोजन करने वाले लोगों में दिल की बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है. ज़्यादा नमक से रक्तचाप बढ़ता है और ग़लत तरह के वसा से रक्तवाहिनियों में अवरोध पैदा होता है. अध्ययन के बाद पाया गया कि खानपान के तौरतरीक़े इस बाद से ज़्यादा अहमियत रखते हैं कि किसी ख़ास चीज़ में पौष्टिकता कितनी है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस शोध से पता चला है कि खानपान और दिल के दौरे का जो संबंध पश्चिमी देशों के लिए लागू है वह दुनिया के दूसरे हिस्सों के लिए भी उतना ही सच है.
कनाडा के मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता रोमानिया इक़बाल का कहना है, "लोगों में दिल का दौरा पड़ने का 30 प्रतिशत ख़तरा खानपान से जुड़ा होता है।" ब्रिटिश हार्ट फ़ाउंडेशन की एलन मैसन का कहना है, "इस शोध से पता चलता है कि इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप बॉल्टन में हैं या बॉम्बे में, आप चाहे ब्रितानी खाना खाते हों या फिर अफ़्रीकन कैरेबियन या फिर एशियाई." वे कहती हैं, "महत्वपूर्ण चीज़ यह है कि आपको नमकीन, तली हुई और वसायुक्त खाने को कम करके फल और सब्ज़ी की मात्रा को बढ़ाना होगा."
साभार-बी.बी.सी.
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