सर्दियों के दिनों में बड़ी संख्या में लोग ज़ुकाम का शिकार होते हैं. अकेले ब्रिटेन में कुल आबादी का पाँचवाँ हिस्सा ज़ुकाम से पीड़ित होता है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि रिमोट कंट्रोल, बाथरुम के नल, रेफ़्रीजरेटर और दरवाज़ों के हत्थों के ज़रिए भी ज़ुकाम के वायरस फैलने का अंदेशा बहुत होता है.वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 30 घरों में ऐसे घरेलू उपकरणों की सतहों का अध्ययन किया और पाया कि उनमें 42 प्रतिशत बार ज़ुकाम के वायरस मौजूद थे. उनका कहना है कि हालांकि ज़ुकाम सबसे ज़्यादा खाँसने और छींकने से फैलते हैं लेकिन घरेलू उपकरणों की इन सतहों की भी नियमित सफ़ाई होनी चाहिए. संक्रमित होने वाली बीमारियों पर हो रहे एक सम्मेलन में शोधकर्ताओं ने कहा कि घरेलू उपकरणों की सतह पर ज़ुकाम के वायरस दो दिनों तक जीवित रहते हैं.
उनका कहना है कि घर का ही कोई सदस्य या बाहर से आने वाला कोई व्यक्ति दरवाज़े के हत्थों या नल के सतहों पर ज़ुकाम के वायरस छोड़ सकता है.
उन्होंने पाया कि वायरस से संक्रमित किसी सतह को छूने के एक घंटे बाद तक उंगलियों पर ये राइनोवायरस जीवित रहते हैं.
प्रमुख शोधकर्ता डॉ बरगिट विंदर का कहना है कि लोगों को पता होना चाहिए कि ज़ुकाम का संक्रमण इन स्रोतों से भी फैल सकता है.
उनका कहना है, "कुछ लोग संक्रमण ख़त्म करने वाली दवा का घर में छिड़काव करते हैं लेकिन यह समझने की ज़रुरत है कि ये वायरस हवा के ज़रिए नहीं फैलते. इसके बदले उन्हें सार्वजनिक रुप से उपयोग में लाई जाने वाली चीज़ों की सतहों को साफ़ करना चाहिए."
संक्रमण विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर जॉन ऑक्सफ़र्ड का कहना है, "ज़ुकाम के वायरस बड़े जीवट क़िस्म के होते हैं क्योंकि ये किसी भी सतह पर लंबे समय तक जीवित रह लेते हैं."
उनका कहना है कि ठीक तरह से साफ़-सफ़ाई करके पूरे परिवार को संक्रमण से बचाया जा सकता है.
ब्रिटेन में नए नियमों के अनुसार डॉक्टर अब ज़ुकाम के लिए एंटीबायोटिक दवाएँ खाने की सलाह नहीं दे सकते, ऐसे में संक्रमण से बचने के उपाय करना ज़्यादा फ़ायदेमंद साबित हो सकता है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि रिमोट कंट्रोल, बाथरुम के नल, रेफ़्रीजरेटर और दरवाज़ों के हत्थों के ज़रिए भी ज़ुकाम के वायरस फैलने का अंदेशा बहुत होता है.वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 30 घरों में ऐसे घरेलू उपकरणों की सतहों का अध्ययन किया और पाया कि उनमें 42 प्रतिशत बार ज़ुकाम के वायरस मौजूद थे. उनका कहना है कि हालांकि ज़ुकाम सबसे ज़्यादा खाँसने और छींकने से फैलते हैं लेकिन घरेलू उपकरणों की इन सतहों की भी नियमित सफ़ाई होनी चाहिए. संक्रमित होने वाली बीमारियों पर हो रहे एक सम्मेलन में शोधकर्ताओं ने कहा कि घरेलू उपकरणों की सतह पर ज़ुकाम के वायरस दो दिनों तक जीवित रहते हैं.
उनका कहना है कि घर का ही कोई सदस्य या बाहर से आने वाला कोई व्यक्ति दरवाज़े के हत्थों या नल के सतहों पर ज़ुकाम के वायरस छोड़ सकता है.
उन्होंने पाया कि वायरस से संक्रमित किसी सतह को छूने के एक घंटे बाद तक उंगलियों पर ये राइनोवायरस जीवित रहते हैं.
प्रमुख शोधकर्ता डॉ बरगिट विंदर का कहना है कि लोगों को पता होना चाहिए कि ज़ुकाम का संक्रमण इन स्रोतों से भी फैल सकता है.
उनका कहना है, "कुछ लोग संक्रमण ख़त्म करने वाली दवा का घर में छिड़काव करते हैं लेकिन यह समझने की ज़रुरत है कि ये वायरस हवा के ज़रिए नहीं फैलते. इसके बदले उन्हें सार्वजनिक रुप से उपयोग में लाई जाने वाली चीज़ों की सतहों को साफ़ करना चाहिए."
संक्रमण विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर जॉन ऑक्सफ़र्ड का कहना है, "ज़ुकाम के वायरस बड़े जीवट क़िस्म के होते हैं क्योंकि ये किसी भी सतह पर लंबे समय तक जीवित रह लेते हैं."
उनका कहना है कि ठीक तरह से साफ़-सफ़ाई करके पूरे परिवार को संक्रमण से बचाया जा सकता है.
ब्रिटेन में नए नियमों के अनुसार डॉक्टर अब ज़ुकाम के लिए एंटीबायोटिक दवाएँ खाने की सलाह नहीं दे सकते, ऐसे में संक्रमण से बचने के उपाय करना ज़्यादा फ़ायदेमंद साबित हो सकता है.
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