Wednesday, October 22, 2008

मोटापे से बचना चाहते हैं तो धीरे-धीरे खाना खाइए...


एक जापानी शोध में कहा गया है कि जो लोग अपना खाना तेज़ी से खाते हैं उनमें वज़न बढ़ने का ख़तरा लगभग दोगुना बढ़ जाता है. ओसका यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कोई तीन हज़ार लोगों के खाना खाने की आदतों का अध्ययन किया और अपने शोध के परिणामों को ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया है. ब्रिटेन के एक आहार विशेषज्ञ का कहना है कि समस्या एक हद तक इस बात से भी हो सकती है कि शरीर यह संकेत देना बंद कर दे कि कब खाना पर्याप्त हो गया. उनका कहना है कि यदि खाने की रफ़्तार जानबूझ कर धीमा कर दिया जाए तो इसका असर वज़न पर हो सकता है. ताज़ा शोध में खाने की रफ़्तार, पर्याप्त खा लेने का संकेत और वज़न बढ़ने के बीच संबंधों का अध्ययन किया गया है.

जिन 3000 लोगों पर अध्ययन किया गया, उनमें से आधे लोगों ने डॉक्टरों को बताया था कि उन्हें जल्दी-जल्दी खाने की आदत है। पाया गया कि जो लोग तेज़ी से नहीं खाते उनकी तुलना में तेज़ी से खाने वाले पुरुषों का वज़न बढ़ने का ख़तरा 84 प्रतिशत बढ़ जाता है लेकिन महिलाओं के मामले में यह ख़तरा दोगुना हो जाता है. लेकिन वो लोग जो पेट भर जाने का संकेत मिलते तक खाते ही जाते हैं उनका वज़न बढ़ने का ख़तरा तीन गुना तक बढ़ जाता है. नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर इयान मैक्डोनल्ड का कहना है कि इसके कई कारण हैं कि क्यों तेज़ी से खाना वज़न बढ़ाने के लिए ख़तरनाक होता है. उनका कहना है कि इससे मस्तिष्क को संकेत देने वाली वह प्रणाली में बाधा पहुँच सकती है जो यह बताती है कि पर्याप्त खाना हो चुका है. उनका कहना है कि खाना खाने की रफ़्तार कम या ज़्यादा की तो जा सकती है लेकिन यह आसान नहीं होता. प्रोफ़ेसर मैक्डोनल्ड का कहना है, "बुजुर्ग महिलाएँ जब कहती थीं कि एक-एक कौर को 20 बार चबाकर खाओ तो वे ठीक कहती थीं क्योंकि ऐसा करने से आपको खाना खाने में समय लग सकता है."

वहीँ दो ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं का सुझाव है कि बच्चों को धीमे-धीमे खाने के लिए बढ़ावा देना चाहिए और जब उन्हें लगे कि उनका पेट भर गया है तो उन्हें खाना बंद करने की अनुमति दी जानी चाहिए. हालांकि अभी इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि यदि कोई बच्चा धीमी गति से खाना खाता है तो वह आगे चलकर भी मोटापे का शिकार नहीं होगा।
With Spl.Thanks to BBC

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